Moral Of The Story for Free Class 2 || मूर्ख आदमी की लालच भरी कहानी
कई वर्षों पहले! एक गांव था, जिसमें एक मूर्ख आदमी रहता था। वह आदमी हर दिन जंगल में लकड़ियां काटकर अपनी जिंदगी का गुजारा करता था। यही उस आदमी के हर रोज की कहानी थी। एक दिन जंगल से पेड़ काटने के बाद घर लौटते वक्त एक जादुई बतख की बच्ची मिली।
उस जादुई बतख की बच्ची को वह आदमी घर लेकर आया। फिर उसे पालने के कुछ सालों बाद बड़ा किया। वह जादुई बतख बड़ी होने के बाद, अंडे देने लगता है। शुरुआत में एक-दो ही अंडा देता था।
लेकिन जैसे जैसे दिन गुजरता है, वह जादुई बत्तख अंडा और भी ज्यादा देता था। वह मूर्ख आदमी सभी अंडों को हर रोज शहर में जाकर बेचकर आता था। जिससे उस मूर्ख आदमी को पैसा मिलता था।
उसी पैसों से वह मूर्ख आदमी दिन गुजरता था और अपनी जरूरतों को पूरा करता था।
लेकिन उस मूर्ख आदमी को जंगल से लकड़ियों को काटना पसंद नहीं था। क्योंकि उसमें ज्यादा मेहनत लगता था। मूर्ख आदमी को मेहनत करना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। वह मूर्ख आदमी बिना मेहनत के बहुत बड़ा बनना चाहता था।

बड़ा आदमी बनने के लिए वह मुर्ख आदमी कुछ भी करने को तैयार था। अंडे बेेचकर ज्यादा पैसा मिलने के कारण मूर्ख आदमी लकड़ी काटना ही छोड़ दिया। हर रोज शहर जाता था और अंडा बेचकर आता था।
यही कहानी कई सालों तक उस मूर्ख आदमी की जिंदगी में चलता रहा। एक दिन शहर में किसी ने उस मूर्ख आदमी से पूछा, “इतने सारे अंडे हर दिन कहां से लाते हो?”
Moral Of The Story for Free Class 2
तो उस मूर्ख आदमी ने जवाब दिया- “मेरे पास एक जादुई बतख है, जो कि हर दिन 4/5 अंडा देता है”। किंतु शहर के आदमी ने बोला “ज्यादा अंडे लाओगे तो ज्यादा पैसा दूंगा”। लेकिन मूर्ख आदमी ने उस शहर के आदमी की बात को टाल दिया।
बारिश के दिनों में उस मूर्ख आदमी को शहर जाने के लिए दिक्कत होती थी इसलिए वह शहर जाना नहीं चाहता था और मेहनत भी नहीं करना चाहता था। वह मूर्ख आदमी अपनी जिंदगी से संतुष्ट नहीं था। इसलिए जब भी उस मूर्ख आदमी को समय मिलता था, वह अमीर बनने के ही खयालो में खोया रहता था ।
कैसे अमीर आदमी बनना है उसी के बारे में लोगों से बातें करता रहता था।किन्तु बड़ा आदमी बनने के लिए जो मेहनत करना पड़ता था, वह मूर्ख आदमी, नहीं करता था। कहते हैं ना -“खाली दिमाग शैतान का घर”।
इसलिए उस मूर्ख आदमी के दिमाग में एक कुबुद्धि आया। उस जादुई बतख को काट कर एक बार में ही सारे अंडे निकालने के बारे में सोचा। इस बारे में वह मूर्ख आदमी बहुत अंदर से सोचता है।
Moral Of The Story for Free Class 2 2023
कई दिनों से सोचने के बाद भी उस मूर्ख आदमी को कोई कुल किनारा नहीं मिलता है। जादुई बतख को काटने के बारे में कई सारें लोगों को पूछते भी है। लेकिन किसी ने सही सुझाव दिया, तो किसी ने गलत सुझाव दिया ! फिर एक दिन उस मूर्ख आदमी ने लालच में आकर जादुई बतख को काटने की योजना बनाई।
किन्तु मूर्ख आदमी ने सोचा जादुई बतख को काटने से पहले बहुत खाना खिला कर, एक साथ सारा अंडा निकल लेगा। इसलिए कुछ दिनों से उस जादुई बतख को उधार लेकर बहुत सारा खाना खिलाया।
फिर एक दिन सुबह को उस मूर्ख आदमी ने जादुई बतख को काट डालता है। जादुई बतख को काटने के बाद मूर्ख आदमी रोने लगता है और जोर जोर से चिल्लाकर कहने लगता है “हाय मैं यह क्या कर दिया” !!!
Moral Of The Story :- लालच बहुत बुरी चीज है।
(Greed Is A Very Bad Thing)
Please Visit our news Website Click Here