Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hai || क्रिया के कितने भेद होते हैं

Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hai  | क्रिया के कितने भेद होते हैं

Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hai  | क्रिया के कितने भेद और उसके परिभाषा:

(Kriya)क्रिया –जिस शब्द के द्वारा कार्य होने का बोध होते हैं उसे क्रिया कहते हैं।

जैसे – खाना,पीना लिखना, पढ़ना,जाना,आदि।
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क्रिया की परिभाषा और उसके भेद एवं क्रिया कितने प्रकार होती है? आदि प्रश्नों के उत्तर आपको इस पोस्ट में मिल जाएंगे।

कर्म, जाति और रचना के आधार पर क्रिया के  कितने प्रकार होती है?Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hai ?और Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hai कर्म के आधार पर तथा नामधातु क्रिया क्या होती है? इन सभी विषय के बारे में आज आपको इस पोस्ट में विस्तारित मिल जाएंगे।

Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hai
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Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hai | क्रिया के कितने भेद होते हैं

मुख्यतः दो भेद होते हैं अकर्मक क्रिया और सकर्मक क्रिया।

अकर्मक क्रिया:(अ +कर्मक)=अकर्मक का अर्थ है, कर्म के बिना, कर्म के रहित इस अकर्मक क्रिया में कर्म नहीं होती है। जिस क्रिया का फल कर्ता पर ही पड़ता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं, अथवा जिस क्रिया के व्यापार का फल कर्ता पर पड़े एवं अकर्मक क्रिया को कर्म की आवश्यकता नहीं पड़ती है उसे अकर्मक क्रिया कहा जाता है।

जैसे –

रोहित पड़ता है।

राजेश खेलता है।

राम दौड़ता है।

लक्ष्मी हंसती है।

सकर्मक क्रिया:जिस क्रिया(Kriya) में कर्म प्रधान होता है अथवा वाक्य में जिस क्रिया को कर्म की आवश्यकता होती है उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं (स+कर्मक)। अर्थात जिसका अर्थ है कर्म के साथ लागू होना ही सकर्मक क्रिया है।

जैसे-

किसान हल चला रहा है।

रोहित पानी पी रहा है।

राम विद्यालय जा रहा है।

एक कर्म क्रिया:जब किसी वाक्य में केवल मात्र क्रिया के साथ एक कर्म होता है, तो उसे अकर्मक क्रिया कहा जाता है।

जैसे-

राम सो रहा है।

रोहित भोजन कर रहा है।

द्विकर्मक क्रिया:जब किसी वाक्यों में क्रिया के साथ दो कर्म प्रयोग होता है, तो उसे द्विकर्मक क्रिया कहा जाता है।

जैसे- रोहित मोहित को पढ़ा रहा है, रोहित, पूजा को भूगोल सिखा रहा है, आदि।

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क्रिया के भेद संरचना एवं प्रयोग के आधार क्रिया के भेद क्रिया काल
अकर्मक क्रिया,

और

सकर्मक क्रिया,

प्रेरणार्थक क्रिया, पूर्वकालिक क्रिया,नामधातु क्रिया, संयुक्त क्रिया, सामान्य क्रिया, पूर्वकालिक क्रिया, कृदंत क्रिया, सजातीय क्रिया, सहायक क्रिया वर्तमान काल,

भूतकाल काल,

भविष्य काल,

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संरचना एवं प्रयोग के आधार क्रिया के भेद

प्रेरणार्थक क्रिया : जब कोई व्यक्ति स्वयं कार्य ना करके किसी दूसरे से कार्यों को करवाता है या प्रेरित करता है, तो ऐसे वाक्य मैं प्रेरणार्थक क्रिया प्रयोग होता है।

जैसे-

  • राम ने लक्ष्मण से गणित पढ़वाया
  • सोनू ने मोनू से खाना बनवाया

पूर्वकालिक क्रिया:जब कोई व्यक्ति एक काम समाप्त करके तुरंत दूसरा काम करने जाता है, तो वहां पर पूर्वकालिक क्रिया प्रयोग होती है।

जैसे –

  • मोहित विद्यालय से लौटकर नहाने गया
  • राम विद्यालय से लौटकर भोजन करने गया

नामधातु क्रिया: नाम ,धातु, क्रिया, संज्ञा, सर्वनाम, तथा विशेषण आदि शब्दों के साथ ना प्रत्यय युक्त हो, तो उसे नामधातु क्रिया कहते हैं।

  • जैसे-
  • अपना से अपनाना, चमकाना

संयुक्त क्रिया :संयुक्त क्रिया शुक्रिया जो किसी दूसरी क्रिया से मिलकर बनती है।

  • जैसे-

तुम रोज सुबह उठा करो

तुम रोज दूध पियो

सामान्य क्रिया:अगर किसी बातों में केवल मात्र एक ही बार क्रिया का प्रयोग होता है, तो उसे सामान्य क्रिया कहते हैं।

जैसे- राम भोजन कर रहा है।

पूर्वकालिक क्रिया: जब किसी वाक्य मैं कर्ता के साथ दो क्रियाएं युक्त होता है एवं उनमें से एक क्रिया दूसरे क्रिया से पहले संपूर्ण हुई तो उसे पूर्वकालिक क्रिया कहते हैं।

जैसे -राम विद्यालय से खेलने जाता है।

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कृदंत क्रिया:क्रिया शब्दों के अंत में प्रत्यय जोड़कर बनाए गई क्रिया को कृदंत क्रियाएं कहते हैं।

जैसे – मोहित पुस्तक पढ़ता है।

सजातीय क्रिया:जिस क्रिया में कर्मों और प्रिया दोनों एक ही धातु से बनकर युक्त होती है उसे सजातीय क्रिया कहते हैं

जैसे – राम ने खाना खाई है।

सहायक क्रिया: वाक्य में मुख्य क्रिया की सहायता करने वाली क्रिया को सहायक क्रिया कहते हैं

जैसे -मोहित ने अपनी पुस्तक टेबल पर रख दिए है।

Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hai  | क्रिया के कितने भेद होते हैं

काल के अनुसार क्रिया के प्रकार भेद:-

काल का अर्थ है समय क्रिया के जिस रूप से कार्य करने या होने के समय का बोध होता हैउसे करिया कॉल कहते हैं जैसे –

राम पढ़ाई करना ,(वर्तमान काल)

राम पढ़ाई किया था,( भूतकाल काल)

राम पढ़ाई करेगा ,(भविष्य काल)

इन तीनों उदाहरणों में तीन काल है वर्तमान काल, भूतकाल काल, भविष्य काल।

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वर्तमान काल क्रिया: क्रिया के जिस रूप से कार्य का वर्तमान समय में होने का बोध होता है उसे वर्तमान काल कहते हैं।

जैसे- मैं खेल रहा हूं, मैं भोजन कर रहा हूं, राम पढ़ाई करता है,

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भूतकाल क्रिया:जिस क्रिया के रूप से बीते हुए समय का बोध होता है उसे भूतकाल क्रिया कहते हैं।

जैसे -मोहित ने गीत गाया था, प्रेम ने पत्र लिखा।

भविष्यकाल क्रिया: क्रिया के जिस रुप से कार्यों का आने वाला समय का ज्ञान होता है उसे भविष्यकाल कहते हैं।

जैसे- कल विद्यालय जाएंगे, शायद कल बारिश हो।

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