Best Small short stories with moral values in Hindi
Small short stories with moral values in Hindi Part-1
एक राज्य में एक राजा था। वह लंबी यात्रा के लिए निकलने वाला था, तो अपने राज्य से सारे गांव वाले राजा को छोड़ने आते हैं, पानी की जहाज तक तो राजा जैसे ही पानी की जहाज(ship) पर चढ़ता है।
उसके गांव का एक आदमी उसके पास जाता है, और राजा को कहता है, राजा ”साहब! जब आप जंगल से होते हुए जाएंगे तो आपको जंगल में एक 2 फुट का आदमी मिलेगा। वह आदमी आपको लड़ने के लिए चुनौती(challenge) देगा।
तो उसे जान से खत्म किए बिना आप आगे मत बढ़ना। फिर राजा साहब उस आदमी की बात सुनकर यात्रा के लिए निकल जाते हैं 2 दिन के बाद राजा जंगल में पहुंचता है।
जैस ही जंगल में पहुंचता है, तो उस आदमी ने जिस तरह कहा था राजा को 2 फुट का आदमी मिला। उस आदमी ने राजा को लड़ने के लिए चुनौती देता है। तो राजा महान था उसने उस 2 फुट के आदमी के साथ लड़ाई शुरू कर दी, थोड़ी देर में लड़ाई खत्म हुई।
फिर राजा जीत जाता है। लेकिन उस 2 फुट के आदमी को मारने की बारी आई, तो राजा ने कहा, की इस 2 फुट के आदमी को मारने में कैसी महानता(greatness) राजा उस 2 फुट के आदमी को जिंदा छोड़कर आगे बढ़ जाता है(leaving alive)।
2 दिन बीत जाता है । वह आदमी फिर राजा के सामने आता है। लेकिन पहले वह आदमी 2 फुट का आदमी था, उसके बाद वह आदमी 4 फुट का हो जाता है। उसने फिर राजा को लड़ने के लिए चुनौती देता है। फिर राजा ने फिर मान लिया था।
फिर लड़ाई(Fight) खत्म हुई फिर राजा जीत जाता है। लेकिन इस बार भी राजा ने उसे यह कहकर जिंदा छोड़ दिया, कि इस आदमी को जान से मारने कैसी महानता है।
और 2 दिन बीते फिर वह आदमी राजा के सामने आते हैं। लेकिन तब वह 4 फुट का था। अब वह आदमी 6 फुट का हो गया था। उसने फिर से राजा को लड़ने के लिए चैलेंज किया।

फिर लड़ाई शुरू हुई फिर राजा जीत जाता है।लेकिन इस बार भी राजा ने उसे जिंदा छोड़ देता है ।यह कहकर कि उस आदमी को जान से मारने में कैसी महानता है।इसी तरह राजा उसे छोड़ता गया और वह आदमी हर बार दो-दो फुट बढ़ता गया।
एक दिन ऐसा आया वह आदमी राजा से भी बड़ा हो गया था । उसने फिर राजा को लड़ने के लिए चुनौती दिया लेकिन इस बार राजा थोड़ा डर जाता है ,लेकिन राजा महान था। इसलिए राजा ने चुनौती मान लेता है। लड़ाई शुरू हुई लेकिन इस बार राजा बहुत जख्मी(very hurt) हुआ था।
राजा का एक उंगली टूट जाता है ,और हाथ भी टूट जाता है, और जैसे तैसे करके राजा उस आदमी को हरा देता है। लेकिन इस बार राजा ने उस आदमी को जिंदा नहीं छोड़ा,
राजा ने उसे जान से मार दिया था। फिर राजा को इस घटना से ज्ञान हुआ , अपनी जिंदगी में कितनी भी छोटी समस्या क्यों ना आए उसे खत्म किए हुए बिना आगे मत बढ़ना। क्योंकि वही छोटी समस्याएं आपके सामने बहुत बड़ी बनके आजाएगी।
Small short stories with moral values in Hindi Part-2
एक दिन एक राजा घड़ी पर सवार जंगल में जाता है। उस जंगल के रास्ता के पास एक डाकुओं की बस्ती(Outlaw’s Colony) थी। जब राजा डाकुओं की बस्ती के पास से निकले, तब द्वार पर पिंजरे में बंद एक तोते (parrots)ने चिल्लाना आरंभ किया ”दौड़ो! पकड़ो ! मार दो इसका घोड़ा छीन लो गहने छीन लो!”

फिर राजा सावधान हो जाता है। राजा ने घोड़ा दौड़ा दिया और एक (Rishi Ashram) के पास पहुंचे। उस आश्रम कुटी के सामने पिंजरे में लटके एक तोते ने कहा आइए आपका स्वागत है!”उसके बाद उस आश्रम कुटी से ऋषि मुनि बाहर आए और महाराज का स्वागत(Welcome) करता है। फिर राजा डाकुओं की बस्ती में हुई घटना को बता देता है। उसके बाद राजा ऋषि से पूछता है ऋषि ”महाराज! एक ही जाति के पक्षियों(birds) में इतना अंतर क्यों? यह सुनकर तोता बोला-
मैं ऋषि-मुनियों के बानी सुनता हूं और वह हिंसक(violent) बालों की बातें सुनता है ।उस पक्षी की कोई गलती नहीं है न मेरे में कोई गुण(Property) है गलती और गुण तो संगति से ही उत्पन्न होते हैं।
निष्कर्ष: दोस्तों के साथ रहने की अपेक्षा अकेला रहना ही अच्छा है।
Small short stories with moral values in Hindi Part-3
एक जंगल में बकरी(goat) को बड़ी प्यास लगी थी। वह बकरी पानी के लिए तरस रही थी, इधर-उधर भटकते रहे। उसके बाद जंगल(Forest) के बीच में एक बड़ा पानी का (Ditch) दिखाई दिया। फिर बकरी गड्ढे के पास जाती है, तो उसे गड्ढे में एक लोमड़ी(fox) गिरी हुई मिलती है।
वह लोमड़ी बहुत समय से वहां गिरा हुआ था ।और बाहर निकलने के लिए बहुत कोशिश किया था, किंतु निकाल नहीं पाया ।फिर बकरी उस उस लोमड़ी से कहती है, तुम यहां कैसे कैसे गिरे, लोमड़ी बहुत चालाक(clever) था।
इसलिए लोमड़ी ने कहा ”अरे! मैं यहां गिरा नहीं पानी पीने के लिए आया तो देखा यह पानी बहुत स्वच्छ और टेस्टी(स्वादिष्ट) है शीतल है इसलिए मैं यहां इस पानी का आनंद ले रहा हूं।
उसके बाद में बकरी कहती है तुम झूठ तो नहीं बोल रही हो। फिर लोमड़ी ने बकरी को कहा मैं झूठ नहीं बोल रहा हूं। तुम्हें अगर प्यास (Thirst)लगी है तो आ जाओ पानी पी लो ,नहीं तो तुम जा सकते हो।
फिर बकरी ने कहा अरे भाई मुझे तो प्यासी लगी है। इसलिए तो यहां आया फिर वह (silly goat) गड्ढे में घुस जाती है, और पानी पी लेती है उसके बाद लोमड़ी बकरी को कहता है गड्ढे से बाहर निकलना है ।
तो तुम्हारा पीठ पर चढ़ जाऊंगा(will climb on your back), फिर मैं तुम्हें ऊपर खींच लूंगा तुम फिर उठ जाओगे, इसके अलावा और कोई चारा नहीं है हमारे पास। फिर मूर्ख बकरी मान जाती है लोमड़ी बकरी के पीठ पर चल जाती है और लोमड़ी गड्ढे से बाहर निकल जाती है।
उसके बाद बकरी लोमड़ी से मदद(Help) मांगती है। उसके बाद लोमड़ी बकरी को कहा, मैं इस गड्ढे से बाहर निकलने की बहुत कोशिश की किंतु निकल नहीं पाया, इसलिए मैंने तुमको बेवकूफ बनाया ।यह बोलकर लोमड़ी चली जाती है ।फिर वह मूर्ख बकरी सोचने लगती है किसी काम करने से पहले सोच लेना चाहिए(think before doing something)।
Small short stories with moral values in Hindi Part-4
एक बार एक कौवा(crow) की नजर एक हंस पर पड़ी ।कौवा सोचने लगा की हंस(goose) कितना सुंदर है, ऐसे सोचते- सोचते कौवा के अंदर हिंसा उत्पन्न हो जाता है(violence ensues)। कौवा ने देखा कि हंस के पंख कितने सुंदर और सफेद है लेकिन उसके पंख काले काले है।
कौवा ने ऐसे विचार हंस के सामने प्रस्तुत किए ,फिर हंस ने उत्तर दिया कि उसके अनुसार तोता(Parrots) पक्षी सबसे सुंदर है। तोता पक्षी के दो बहुत खूबसूरत रंग होते हैं पीला और लाल ।लेकिन उसके पास एक ही रंग है सफेद इसलिए तोता पक्षी उससे सुंदर दिखती है ।तब कौवा हंसते हुए कहा, की मोर साधारण और सुंदर पक्षी है।
और तुम दोनों से कहीं ज्यादा खूबसूरत है, और मोर(Peacock) के शरीर पर कोई अलग-अलग रंगों के पंख होते हैं जो मोर को बहुत खूबसूरत बनाते हैं। फिर हंस ने कौवा को कहा कौवे तुम बहुत भाग्यशाली प्राणी(lucky creature) क्योंकि तुम्हारे पास सुंदरता नहीं है। इसलिए तुम भाग्यशाली क्योंकि सुंदरता के लिए तुम्हें कोई शिकार नहीं करता है।
इसलिए तुम (out of fear) नहीं रहते हो, अगर तुम हमारे जैसा बनना चाहते तो शायद तुम्हें भी शिकार कर लेता और किसी पिंजरे(cage) में बंद होते, हंस की बातें सुनने के बाद कौवा को एहसास हुआ वह दूसरों की अपेक्षा बहुत बेहतर है।
सब कुछ वृतांत सुनने के बाद कौवा भी अपने अवांछित विचारों(unwanted thoughts) को अपने सिर से हटा दिया। उसके बाद कौवा ने भगवान को यह रूप देने के लिए धन्यवाद दिया।
Our More Story
Moral stories in hindi for class 5